दिल्ली संस्कृत अकादमी में आपका स्वागत है|
संस्कृत भाषा के महत्त्व को दृष्टिगत रखते हुए तथा राष्ट्र की संस्कृति सभ्यताएँ भाषा एवं साहित्य के संरक्षण, संवर्द्धन, प्रचार-प्रसार और विकास के उदेश्य को समझते हुए देश व राज्य की सरकारें राष्ट्रीय अखण्डता व भाषायी एकता की प्रतीक संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिए अधिकाधिक प्रयत्नशील है। इसी उद्देश्य से वर्ष 1987 को तत्कालीन दिल्ली सरकार द्वारा स्वायत्तशासी संस्था के रूप में दिल्ली संस्कृत अकादमी की स्थापना की गई ।
स्थापना के अनन्तर दिल्ली संस्कृत अकादमी संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए निरन्तर गतिशील है ।
अकादमी गीत ( रजत जयंती के उपलक्ष्य में। रचयिता डॉ. जीतराम भट्ट )